WORLD HUMAN RIGHTS ORGANIZATION (WHRO)
“विश्व का कल्याण हो”
जीवन का सत्य तो सब जानते है कि मुट्ठी बांधे आए है और हाथ पसारे जाना है। ईश्वर जीवन से सबको एक बार मौका जरुर देता है, संपन्न बनाता है, परिवार मे खुशहाली और कारोबार में सफलता भी देता है। लेकिन हम और आप उस मुकाम पर पहुंच कर ये न भूल जाएं कि हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग भी है, जिनको दो सयम की रोटी नहीं, छत नहीं, पहनने को पूरे वस्त्र नहीं और तपती जलती लू के बीच कोई सिर पर ईंट उठाकर चौथी मंजिल पर चढता है तो कोई रिक्शा खींचकर या मेहनत मजदूरी करता तो है लेकिन न बच्चो को अचछे स्कूल मे पढा पता है और न ही घर में कभी अच्छे पकवान की खुशबू आई है। कोई दिव्यांग है, उसे व्हील चेयर मिल जाए तो वो भी रोजगार करने लगे। किसी को बैसाखी तकनहीं मिलती तो वो चारपाई पर महीनो पडा और लाचार और बीमार होता जा रहा है।
इन सब की सुध लेना कोई अकेले सरकार का काम नहीं है। हमें भी ईश्वर ने इस योग्य तो कम से कम बनाया है कि सप्ताह में जितनी बार मौका मिले, किसी गरीब को भोजन करवा दें। गली में हमारी ही रखवाली कर रहे कुत्तो को 100 रुपये का दूध ब्रेड ही फीड करवा दें। ईश्वर ये भी देखता है कि क्या किसी ने एक मुट्ठी चीनी ही चींटियो को डाल दी तो समझो उसने भंडारा कर लिया। पक्षियो के लिए पानी का बर्तन हर घर पर क्यो नही रखा जा रहा है। शुरुआत हम अपन से ही करें। घर छत या दीवार पर दोनो टाईम पानी डालकर बर्तन रखना या थोडे से दाने डाल कर पक्षियों के भोजन का इंतजाम करके देखो, ईश्वर घर में किसी चीज की कमी नही छोडेंगे। महीने में एक दिन कुछ सौ रुपये की कापी किताबें लेकर गरीब बच्चो को पढने में मदद कर सकतेहैं। ऐसे बहुत सारे तरीके है, जो हमारा संगठन WORLD HUMAN RIGHTS ORGANIZATION तो करता ही है, आपको भी इन सुकार्य में साथ जुडने का ओफर करता है। यहां किसी भी माध्यम से खर्च हुआ एक भी रुपया व्यर्थ नहीं जाएगा। आप भी अगर WHRO से जुडना चाहते है तो अपनी डिटेलस भेजो और संगठन की वेबसाईट, पीपीटी देखकर जुडने का फैसलाकरें।
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